देहरादून। खनन मे रिकार्ड राजस्व प्राप्ति को भाजपा ने बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता बताते हुए कहा कि इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस कार्यकाल मे एक बड़ा हिस्सा माफियाओं की जेब मे जाता रहा है। प्रदेश के राजस्व मे वृद्धि के बजाय कांग्रेस माफिया को सरंक्षण देती रही।
भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि धामी सरकार की बेहतर खनन नीति राज्य की अर्थिकी के लिए सुखद साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खनन नियमावली मे सरलीकरण करने से वितीय वर्ष 2024-25 में राजस्व अभी तक 500 करोड़ रुपए प्राप्त हो चुका है और मार्च तक 1200 करोड़ रुपए प्राप्त होगा जो की कांग्रेस सरकार मे प्राप्त होने वाले राजस्व से चार गुना अधिक है।
चौहान ने कहा कि पहले खनन नीति को माफियाओं की सहमति के आधार पर बनाया जाता था, लेकिन धामी सरकार ने संसाधनों का वैज्ञानिक आधार पर दोहन और चोरी रोकने के लिए विशेष इंतजाम किये। कांग्रेस सरकार मैं राजस्व कभी भी 300 करोड़ से अधिक प्राप्त नहीं होता था।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा राज्य के सीमावर्ती राज्यो की सीमा मे 40 स्थानो पर 45 ई माइन चेक गेट की स्थापना कर रही है ताकि अवैध खनन पर रोक लग सके। इन गेटों पर सर्विलांस सिस्टम स्थापित होगा, जिस पर एनपीआर कैमरा, जीपीएस और आरएफआईडी की रीडिंग होगी! बिना रवन्ना की गाड़ियों का ऑटोमैटिक ई चालान होगा। राज्य सरकार का ई रवन्ना का अपडेशन किया गया है जिससे रॉयल्टी की चोरी ना हो सके। बिना रवन्ना की गाड़ी का ई चालान काटने की व्यवस्था की गई है।
कांग्रेस काल मे खनन पट्टे बेच लिए जाते थे, लेकिन धामी सरकार मे इसके लिए नीति बनाई गयी है। राज्य सरकार द्वारा खनन पट्टो का आवंटन ई नीलामी के माध्यम से करने का प्रावधान किया गया है, ताकि खनन पट्टो का आवंटन पारदर्शी तरीके से हो सके। राज्य सरकार द्वारा राज्य से बाहर से आने वाले खनिज पर पहली बार 70 रुपए प्रति टन टैक्स लगाया गया है जिसको प्ैज्च् के नाम से जाना जाता है। कांग्रेस सरकार द्वारा अवैध खनन कराने के कारण राजस्व की प्राप्ति नहीं होती थी। चौहान ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस को आंकड़ों का संज्ञान लेकर आत्म मंथन करना चाहिए कि आज के परिपेक्ष्य मे वह खुद कहाँ खड़ी है। उन्होंने कहा कि आज राजस्व मैं कई गुना वृद्धि होने के कारण कांग्रेसी बौखलाए हुए है और वह खनन नीति को लेकर तमाम दुष्प्रचार कर रहे हैं। धामी सरकार में आम जन को निर्माण सामग्री सस्ते दामो पर उपलब्ध हो रही है। पहले निर्माण सामग्री 140-150 प्रति क्विंटल मिलती थी जो की अब 60-70 प्रति क्विंटल आसानी से अच्छी गुणवता वाली निर्माण सामग्री मिल जा रही है।