अल्मोड़ा। हत्या के एक मामले में अपर सत्र न्यायालय ने दो लोगों को आजीवन कारावास की सुनाई है। साथ ही उन्हें 50-50 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। धारा 504 के तहत दोनों आरोपियों को दोषमुक्त भी किया है। जानकारी के मुताबिक, घटना 11 मार्च 2022 की है। इस दिन शाम करीब 8 बजे झलक बुढ़ा और उसका साथी मीन बहादुर अपने कमरे में खाना बना रहे थे। तभी झलक कार्की और लक्ष्मण कार्की उसके कमरे में आ गए। आरोप है कि वो झलक बुढ़ा को गाली गलौज करने लगे। साथ ही मारपीट भी करने लगे। मारपीट के दौरान झलक बुढ़ा ने आरोपी लक्ष्मण कार्की के बांए हाथ की बीच की अंगुली दांत से दबा दी। इस पर लक्ष्मण कार्की को गुस्सा आया तो उसने झलक बुढ़ा पर लोहे के पाइप से वार कर दिया।
पाइप से हमला होता देख झलक बुढ़ा नीचे खेतों की ओर भाग गया। जहां आरोपी लक्ष्मण कार्की ने खेत में पहुंच कर उसके चेहरे और सिर में लोहे के पाइप से ताबड़तोड़ प्रहार कर दिया। जिससे उसके मुंह से खून निकलने लगा। वहीं, मौके पर मौजूद लोगों के बीच बचाव करने पर दोनों आरोपी लक्ष्मण कार्की और झलक कार्की मौके से भाग गए। लोहे के पाइप को मौके पर ही छोड़ गए।
उधर, लोगों ने झलक बुढ़ा को बेहोशी की हालत में उठाकर जिला अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसका प्राथमिक उपचार किया और गंभीर चोटें होने के कारण उसे सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी रेफर कर दिया। जहां उपचार के दौरान 17 मार्च 2022 को उसकी मौत हो गई। इसके घटना की रिपोर्ट रणबहादुर कार्की ने अल्मोड़ा थाना कोतवाली में दर्ज कराई। वहीं, इस रिपोर्ट के आधार पर अल्मोड़ा थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपी झलक कार्की और लक्ष्मण कार्की को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं, विवेचना अधिकारी ने विवेचना पूरी कर आरोप पत्र न्यायालय में पेश किया। इस मामले का विचारण अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में चला। इस मामले में अभियोजन की ओर से 15 गवाहों को न्यायालय में पेश किया गया। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी पूरन सिंह कैड़ा ने मामले में पैरवी कर दस्तावेजी साक्ष्य न्यायालय में पेश किए। जिस पर सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह ने पत्रावली पर मौजूद मौखिक और दस्तावेजी साक्ष्यों का परिशीलन कर आरोपी लक्ष्मण कार्की पुत्र प्रकाश कार्की निवासी दंडेश्वर, अंचल दैलेख (नेपाल) हाल निवासी दुगालखोला, अल्मोड़ा और झलक कार्की पुत्र जसे कार्की निवासी अवल पराजूल, अंचल दैलेख (नेपाल) हाल निवासी दुगालखोला, अल्मोड़ा को दोषी पाया। जिसके बाद उन्हें अर्थदंड के साथ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।