उत्तराखंडदेहरादून

नाबार्ड 13 फरवरी को करेगा स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन

देहरादून। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने प्रत्येक वर्ष स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया जाता है। इस सेमिनार में नाबार्ड द्वारा तैयार स्टेट फोकस पेपर 2025-26 पर चर्चा होती है। स्टेट फोकस पर राज्य के प्रत्येक जिले के लिए तैयार की गई संभावित ऋण योजना को समावेश कर बनाया जाता है और आगामी वर्ष के लिए राज्य में ऋण संभाव्यता का आंकलन किया जाता है। स्टेट फोकस पेपर में मौजूदा संसाधन उपलब्ध बुनियादी सुविधाएं और आगामी बुनियादी सुविधाओं हेतु योजनाएं राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अर्थव्यवस्था के वृहद स्तर के संकेतक राज्य एवं केंद्र सरकार की विभिन्न गतिमान योजनाओं, पहले से चल रही विकासात्मक गतिविधियाँ और मौजूदा नीतिगत ढाँचे को शामिल किया जाता है। नाबार्ड का स्टेट फोकस पेपर बैंकों द्वारा तैयार की जाने वाली वार्षिक ऋण योजना के लिए आधार दस्तावेज के रूप में काम करता है।
स्टेट क्रेडिट सेमिनार में आगामी वर्ष में बैंकों के ऋण प्रवाह के लिए एक विशिष्ट कार्य योजना तैयार करने के लिए स्टेट फोकस पेपर पर चर्चा की जाती है और उससे उभरने वाले कार्य बिन्दुओं को राज्य सरकार के समक्ष रखा जाता है ताकि सहयोग और आवश्यक आधारभूत सुविधाओं के सृजन के लिए बजट में पर्याप्त वित्तीय सहायतार्थ बजट का प्रावधान सुनिश्चित किया जा सके और आधार स्तर पर ऋण प्रवाह को सुनिश्चित किया जा सके।
वर्ष 2025-26 के लिए स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन 13 फरवरी 2025 को किया जा रहा है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी समारोह की मुख्य अतिथि होंगी। सेमिनार में अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन विशिष्ट अतिथि होगें। इसके अलावा राज्य की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की विकास नीतियों के निर्माण और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सरकारी विभागों, हितधारकों, बैंकरों, कृषि विश्वविद्यालयों, एनजीओ, आदि को सेमिनार मे आमंत्रित किया जा रहा है। स्टेट फोकस पेपर में क्षेत्रवार ऋण संभाव्यताओं को शामिल करते हुए राज्य में अतिरिक्त आधारभूत सुविधाओं और सहयोगी सेवाओं की आवश्यकता को उजागर किया जाता है। स्टेट फोकस पेपर राज्य की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की विकास नीतियों को तैयार करने और कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह वर्ष 2025.26 हेतु राज्य ऋण योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए कार्यनीति और भावी बजट आवंटन से संबंधित निर्णय पारस्परिक विचार.विमर्श से लेने में भी सहायक सिद्ध होगा।

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