उत्तराखंडदेहरादून

योग पर एफ.आर.आई. एवं जिला आयुर्वेद एवं यूनानी कार्यालय ने किया संगोष्ठी का आयोजन

देहरादून। विस्तार प्रभाग, वन अनुसंधान संस्थान (एफ.आर.आई.) द्वारा जिला आयुर्वेद एवं यूनानी कार्यालय, देहरादून के सहयोग से “कार्यालय योग” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन वन अनुसंधान संस्थान परिसर में किया गया। इस संगोष्ठी का उद्देश्य कार्यालयों में कार्यरत लोगों के बीच शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक संतुलन को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम में वैज्ञानिकों, अधिकारियों, छात्रों एवं कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। संगोष्ठी की अध्यक्षता ऋचा मिश्रा, प्रमुख, विस्तार प्रभाग एवं निदेशक प्रभारी, एफ.आर.आई. ने की। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने दैनिक कार्यालय कार्यों में स्वास्थ्यवर्धक गतिविधियों को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा, “आज के स्थिर कार्य वातावरण में थोड़ी सी सजगता और छोटे-छोटे शारीरिक व्यायाम भी शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्पष्टता में उल्लेखनीय सुधार ला सकते हैं।” उन्होंने उपस्थित सभी लोगों से कार्यालय योग को अपनाने का आग्रह किया, जिससे न केवल उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी बल्कि व्यक्तिगत जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएंगे।
इस अवसर पर डॉ. एन.के. उप्रेती, समूह समन्वयक अनुसंधान, एफ.आर.आई; कुलसचिव, एफ.आर.आई.डीयू; एफ.आर.आई के विभिन्न प्रभागों के प्रमुख; एवं जिला आयुर्वेद एवं यूनानी कार्यालय की ओर से डॉ. ललित कुमार (नोडल अधिकारी), डॉ. ज्योत्सना पेटवाल (समन्वयक), डॉ. मनीषा अग्रवाल, डॉ. अंजुला, डॉ. डी.सी. पसबोला तथा योग अनुदेशक टीम उपासना कोठारी, मोनिका सैनी और श्री शुभम खन्ना उपस्थित रहे। कार्यक्रम में नोडल अधिकारी एवं उनकी टीम द्वारा एक व्यावहारिक सत्र भी आयोजित किया गया, जिसमें कार्यालय परिवेश के अनुसार अनुकूलित सरल योग तकनीकों का प्रदर्शन किया गया। इन तकनीकों में श्वास-प्रश्वास क्रियाएँ, खिंचाव व्यायाम तथा मुद्रा सुधार विधियाँ शामिल थीं, जिन्हें अपनी कुर्सी पर ही बिना योगा मैट के किया जा सकता है।
सत्र का समापन लोकिन्दर शर्मा, वैज्ञानिक, विस्तार प्रभाग, एफ.आर.आई द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी सहयोगियों विशेषकर जिला आयुर्वेद एवं यूनानी कार्यालय की टीम के प्रति आभार प्रकट किया तथा सभी प्रतिभागियों को सक्रिय सहभागिता के लिए धन्यवाद दिया। यह पहल कार्यस्थल पर स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है और वन अनुसंधान संस्थान की समग्र स्वास्थ्य परिपाटियों के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रतिभागी इस संगोष्ठी से इस भावना के साथ लौटे कि दैनिक जीवन की छोटी-छोटी आदतों में बदलाव लाकर दीर्घकालिक सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए जा सकते हैं। यह कार्यक्रम वन अनुसंधान संस्थान के विस्तार प्रभाग एवं जिला आयुर्वेद एवं यूनानी कार्यालय, देहरादून के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया।

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