देहरादून। जिलाधिकारी सविन बसंल ने ऋषिपर्णा सभागार कलेक्टेªट में राजस्व वसूली, अवैध खनन और खनिज पदार्थों की ओवरलोडिंग, लैंड फ्राड कार्यवाही एवं जलमग्न भूमि से अवैध अतिक्रमणमुक्त करने के सम्बन्ध में उपजिलाधिकारियों एवं तहसीलदारों के साथ समीक्षा बैठक की।
जिलाधिकारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पब्लिक के धन की ठगी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नही की जाएगी तहसील स्तर पर अभियान चलाकर सभी बड़े बकायेदारों से वसूली की जाए। उन्होंन कहा कि प्रभावी राजस्व नियंत्रण से एसडीएम एवं तहसीलदार के कार्यों की पहचान बनती है तथा जनमानस में सुशासन का विश्वास जगता है। उन्होंने निर्देश दिए कि तहसील स्तर पर राजस्व वसूली की नियमित समीक्षा करते हुए प्लान तैयार किया जाए। साथ ही आबकारी विभाग से सम्बन्धित राजस्व वसूली प्रकरणों पर आबकारी विभाग से समन्वय करते हुए है दिए गए हैसियत प्रमाण एवं अभिलेख से मिलान करते हुए सम्पत्ति कूर्क करते हुए राजस्व वसूली के निर्देश दिए। साथ ही निर्देशित किया वर्तमान में जिन प्रकरणों पर मा0 न्यायालय से स्थगन है ऐसे प्रकरणों को लम्बित प्रकरणों की सूची हटाएं। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि राजस्व वसूली को हल्के में न लें अधिकारी राजस्व वसूली के सम्बन्ध में तहसीलदार स्तर पर प्रत्येक सप्ताह राजस्व वसूली प्रकरणों की समीक्षा करते हुए योजनाबद्ध ढंग से वसूली बढाएं तथा उपजिलाधिकारियों को इसकी मॉनिटिरिंग करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी ने कहा, कि ‘‘अवैध खनन और ओवरलोडिंग न केवल सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाता हैं,बल्कि पर्यावरण और सड़क सुरक्षा के लिए भी खतरा बने हुए हैं। प्रशासन ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करेगा। उन्हेांने जनता से अनुरोध किया कि वह अवैध गतिविधियों की सूचना प्रशासन को दे।’’ प्रशासन पर्यावरण की सुरक्षा और कानून के पालन के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी विभागों को निर्देश दिए कि अवैध खनन और ओवरलोडिंग रोकने के लिए समन्वय के साथ कार्रवाई करें।
जिलाधिकारी ने सभी उपजिलाधिकारियों एवं सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अवैध खनन के हॉटस्पॉट्स की पहचान करें तथा इन क्षेत्रों में टीमें बनाकर नियमित छापेमारी और निगरानी के की जाए। उन्होंने खनन गतिविधियों की जीपीएस आधारित निगरानी सुनिश्चित करने को भी निर्देशित किया। उन्होंने निर्देश दिए कि वाहन की क्षमता से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर भारी अर्थदण्ड के साथ ही एमवीएक्ट में कार्यवाही करते हुए वाहनों को सीज कर पुलिस एंव परिवहन विभाग के सुपुर्द्ध करें। खनन की ओवर लोडिंग पर कार्यवाही में परिवहन विभाग और पुलिस का साथ लिया जाए। पुलिस को निर्देश दिया गया कि सड़क पर चलने वाले खनिज वाहनों की सघन चेकिंग की जाए। डीएम ने निर्देशित किया कि निर्धारित मानकों से अधिक खनिज परिवहन करने वाले वाहनों के मालिकों और चालकों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो। डीएम ने अवैध खनन और ओवरलोडिंग में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिए। खनन माफिया पर सख्त निगरानी रखते हुए, उनके वित्तीय लेन-देन की जांच की भी जांच की जाए।
लैंडफ्राड-
जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘जलमग्न भूमि पर अवैध कब्जे और लैंड फ्रॉड से न केवल पर्यावरणीय क्षति होती है, बल्कि जनता की मेहनत की कमाई का भी दुरुपयोग होता है। ऐसे मामलों में जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जाएगी। उन्होने जनमानस से अनुरोध किया कि वे किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की जानकारी प्रशासन को दें।’’ प्रशासन सभी नागरिकों से सहयोग की अपेक्षा करता है ताकि जनपद को सुरक्षित और धोखाधड़ी से मुक्त बनाया जा सके।
जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि जनपद में जलमग्न भूमि का सटीक सीमांकन करते हुए इन क्षेत्रों को सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से जनता को सूचित किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जलमग्न श्रेणी की भूमि पर किए गए सभी अवैध कब्जो की सूची तैयार करते हुए अतिक्रमणमुक्त करने की कार्यवाही की जाए। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि लैंड फ्रॉड के केस में गंभीरता से जांच की जाए तथा अधीनस्थों से आने वाली रिपोर्ट को परीक्षण करने के बाद उस पर उपजिलाधिकारी तथा तहसीलदार अपनी टिप्पणी भी लिखेंगे। वहीं डीएम ने जनपद के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जलमग्न भूमि और भूमि धोखाधड़ी के खतरों पर जागरूकता अभियान चलाने का निर्देश दिए। उन्होंने लंबित मामलों में तेजी लाने के लिए राजस्व अदालतों को निर्देशित किया।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर जिलाधिकारी प्रशासन जयभारत सिंह, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, उप जिलाधिकारी मसूरी अनामिका, कालसी गौरी, सदर हरिगिरि, मुख्यालय शालिनी नेगी, ऋषिकेश स्मृता परमार, विकासनगर विनोद कुमार, डोईवाला अपर्णा ढौंडियाल, चकराता योगेश मेहर सहित समस्त तहसीलदार उपस्थित रहे।